भौम प्रदोष व्रत आज,प्रदोष व्रत रखने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं ।सी

0

भौम प्रदोष व्रत आज,प्रदोष व्रत रखने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं ।
सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।
प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर आषाढ़ का अंतिम और जुलाई महीने का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। देवों के देव महादेव अपने भक्तों की परेशानियां दूर करते हैं और उन्हें सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है,

जुलाई में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 7 जुलाई को रात 11.11 बजे से 8 जुलाई को रात के 12.39 बजे तक रहेगी। प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि 8 जुलाई को होगी इसलिए 8 जुलाई, दिन मंगलवार को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। मंगलवार होने की वजह से इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन ज्येष्ठा उपरांत मूल नक्षत्र का संयोग रहेगा। इसके साथ ही शुक्ल योग का निर्माण होगा। चंद्रमा वृश्चिक उपरांत धनु राशि में गोचर करेंगे जबकि शुक्र ग्रह का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश होगा।

प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इससे वैवाहिक जीवन में सुख शांति रहती है। संतान सुख मिलता है। इसके साथ ही दुख परेशानियों से छुटकारा मिलता है। भगवान शिव और माता पार्वती के आशीर्वाद से प्रदोष व्रत रखने वाले के घर आंगन में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं। प्रदोष व्रत के मौके पर रुद्राभिषेक करना अधिक पुण्यदायी माना जाता है।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रदोष व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद भगवान शिव का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घर के मंदिर में शिव-पार्वती का विधि विधान के साथ पूजन करें। उन्हें स्नान कराएं। गंगाजल से अभिषेक करें। रोली, चंदन लगाएं। धूप, दीप, नैवेद्य समर्पित करें। फूल और भोग अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव के मंत्रों का जप करें। फिर प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें। इसके बाद शिव-पार्वती की आरती करें। पूजन के दौरान जाने अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें। इसके बाद पूजा का प्रसाद घर पर बांटें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *