सिकल सेल खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक-कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे

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कवर्धा, 25 जून 2024। सिकलसेल एनिमिया उन्मूलन मिशन का शुभारंभ 01 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया है। जिसके अंतर्गत 0 से 40 वर्ष आयु वर्ग के समस्त व्यक्तियों का निःशुल्क सिकल सेल जॉच एवं उपचार दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य स्तर से जिला कबीरधाम को वित्तीय वर्ष 2023 से 2026 तक कुल 6 लाख 31 हजार 123 सिकलसेल जांच करने का लक्ष्य दिया गया है। जिसमें से वर्तमान में 2 लाख 78 हजार 78 व्यक्तियों की सिकलसेल जॉच किया गया है। जिसमें 571 सिकलसेल रोगी, 3 हजार 363 सिकलसेल वाहक प्राप्त हुए है। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के मार्गदर्शन में विश्व सिकलसेल दिवस के अवसर पर आदिम जाति विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से सिकल सेल एनिमिया उन्मूलन जागरूकता के लिए विशेष अभियान 19 जून 2024 से 03 जुलाई 2024 तक चलाया जा रहा है। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने जन समान्य से आग्रह किया कि समस्त 0 से 40 वर्ष आयु वर्ग के व्यक्ति सिकलसेल जॉच आवश्य कराएं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल. राज ने बताया की सिकलसेल बीमारी को आमजन सिकलिन के नाम से जानते है। बीमारियों से बचाव और दवाईयों के संबंध में जागरूकता की कमी से कईयों की जान चली जाती है। ग्रामीण क्षेत्र में लोग आज भी बैगा गुनिया से ईलाज करवाते है या अज्ञानता वष स्वयं गोली खा कर ठीक होने का प्रयास करते है, जो कि गलत है। सिकलसेल एक अनुवांषिक बीमारी है, बीमारी से बचाव के लिए विवाह के पूर्व खून की जॉच अवश्य करवाएं। जॉच में यदि सिकलसेल के लक्षण मिले तो नियमित रूप से दवाईयों का सेवन करें एवं डाक्टर के बताए अनुसार खून जांच करवाते रहे।

सिकलसेल रोग के बारे में जानने योग्य बाते

हीमोग्लोबिन हमारे शरीर में सभी कोशिकाआें तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। लेकिन सिकलसेल रोग में यह कार्य बाधित हो जाता है। पीढी दर पीढी चलने वाले इस रोग में गोलाकार रक्तकण (हीमोग्लोबीन) हसिए के आकार में परिवर्तित हो कर शरीर की छोटी रक्तवाहिनी (शिराओं) में फस कर कीडनी, मस्तिष्क एवं अन्य अंगों तक रक्त के प्रवाह को बांधित कर देते है।

सिकलसेल रोग के लक्षण

सिकलसेल रोग के मुख्य लक्षण भूख न लगना, थकावट, हाथ पैरों में सूजन, त्वचा एवं आंखों में पीलापन (पीलिया), व्यवहार में बदलाव, सांस लेने में तकलीफ, हल्का एवं दीर्घ कालीन बुखार रहना, बार-बार पेशाब आना, मुत्र में गाढापन, वजन एवं ऊचाई समान्य से कम होना, हड्डियों एवं पसलियों में दर्द होना इत्यादि। यदि उक्त लक्षण हो और सिकलसेल की जॉच न करवाई हो तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर सिकलसेल जॉच अवश्यक कराएं।

सिकलसेल जेनेटिक कार्ड के फायदे

0 से 40 वर्ष आयु वर्ग के समस्त व्यक्तियों की जॉच कर सिकलसेल जेनेटिक कार्ड वितरित किया जा रहा है। ये कार्ड तीन प्रकार के है। पहला एए अर्थात समान्य, दूसरा एएस अर्थात सिकलसेल वाहक, तीसरा एसएस अर्थात सिकल सेल रोगी। इन कार्ड का फायदा यह है कि विवाह के पूर्व यदि जोडे़ के पास अपना सिकलसेल कार्ड उपलब्ध हो तो वे आसानी से अपने सिकल सेल कार्ड का मिलान कर आने वाली पीढी के सिकलसेल रोग से ग्रसित होने के संभावनाओं को जान सकते है। विवाह करने वाले दोनों व्यक्तियों में सिकलसेल वाहक अथवा सिकलसेल रोग नही होना चाहिए। यदि दोनो व्यक्तियों में से कोई एक सिकलसेल वाहक या सिकलसेल रोगी हो तो बच्चों को सिकलसेल नही हो सकता। परंतु मात्र सिकलसेल वाहक होने की संभावना रहती है। इसके लिए उचित होगा कि अस्पताल में खून की जॉच करवाकर योग्य जीवन साथी पसन्द करके विवाह करें एवं सिकलसेल जैसी गंभीर बीमारी से अपने आने वाली पीढी को बचाएं।
CNI NEWS कवर्धा छत्तीसगढ़ से अनवर खान की रिपोर्ट

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