नारी का सम्मान ही समाज की वास्तविक प्रगति – लालिमा शुक्ला

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
कोरबा – हमारे समाज में महिलाओं की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है और जब महिलायें सशक्त होती हैं , तो समाज का हर क्षेत्र फलता-फूलता है। महिलायें किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं , बस उन्हें अवसर देने की आवश्यकता है। नारी का सम्मान ही समाज की वास्तविक प्रगति है। हर सफल महिला के पीछे उसकी मेहनत , संघर्ष और आत्मविश्वास होता है। सशक्त महिला ही सशक्त समाज का निर्माण करती है। आज महिलायें किसी से कम नहीं , वे अपने बलबूते इतिहास रचने की क्षमता भी रखती हैं।
उक्त बातें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य सम्मान कार्यक्रम को संबोधित करते हुये पत्रकार लालिमा शुक्ला ने कही। उन्होंने कहा महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करने , उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और महिला-पुरुष समानता को बढ़ावा देने के प्रति स्वयं को समर्पित करने का यह अच्छा अवसर है। महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर देते हुये उन्होंनें कहा कि महिलाओं का समाज में बराबरी का स्थान होना चाहिये और उनकी सभी क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिये ताकि समाज में समानता और समृद्धि आ सके। लालिमा ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण से समाज का विकास होता है। महिलाओं का सामाजिक , आर्थिक और व्यक्तिगत सशक्तिकरण समाज की समृद्धि के लिये आवश्यक है। जब तक महिलायें समाज में बराबरी का स्थान नहीं प्राप्त करतीं , तब तक समाज की प्रगति अधूरी है। इसलिये यह जरूरी है कि हम महिलाओं को केवल उनके अधिकार ही नहीं बल्कि समान अवसर भी प्रदान करें। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं के नेतृत्व , शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा करते हुये समाज के हर वर्ग से महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में योगदान की अपील की। वहीं कार्यक्रम में महिलाओं के योगदान और उनके सम्मान को लेकर भी विशेष रूप से चर्चा की गई। कार्यक्रम में अनेकों महिलाओं को उनके विभिन्न क्षेत्रों में समर्पित कार्य के लिये सम्मानित किया गया। इन सभी को कार्यक्रम के दौरान पारितोषिक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये। इस कार्यक्रम में सभी महिलाओं को सम्मान चिह्न भेंट कर उनकी सराहना की। यह आयोजन महिलाओं के सामाजिक , आर्थिक और व्यक्तिगत उन्नति के लिये किये गये प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिये किया गया था। इस आयोजन का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों और अवसरों के बारे में जागरूक करना और उन्हें समाज में नेतृत्व प्रदान करना था।